राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने पिछले हफ्ते सहकार भारती के 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया। इस अधिवेशन का आयोजन लखनऊ के राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में किया गया था।
सहकार भारती के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भैयाजी जोशी ने कहा, “हमें सहकारिता संस्कृति पर आधारित बनाने की आवश्यकता है। सहकारिता का कार्य समर्पण भाव से करना चाहिए। सहकारिता का कार्य अकेले नहीं हो सकता है। यह परस्पर सहयोग से होता है। सहकार के बिना समाज का उत्थान संभव नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें दूसरों के विचारों का भी सम्मान करना चाहिए। सब एक दूसरे के मन की बात को समझें। हम संकल्प ले कि हमें एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है और एक परिवार की तरह काम करना होगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सहकार भारती के नेतृत्व में सहकारी आंदोलन को गति मिलेगी।
इस अवसर पर सहकारिता और भारतीय संस्कृति से जुड़ी तीन पुस्तकों का भी विमोचन किया गया, जिनमें से एक एनसीडीसी के पूर्व अधिकारी एस के शर्मा ने लिखा है।