पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं सांसद राधा मोहन सिंह ने पिछले सप्ताह रविवार को लखनऊ के राजकीय पॉलीटेक्निक परिसर में सहकार भारती के सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य समावेशी विकास की अवधारणा को साकार करना है। देश के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारिता के बिना यह संभव नहीं है।
“युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना देश की प्राथमिकता है। सहकारी क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट कर दी है। भारत के लिए सहकारिता कोई नई बात नहीं है। सहयोग हमारे स्वभाव में है”, उन्होंने कहा।
सिंह ने आगे कहा, सहकार भारती को गांवों में सहकारिता की परंपरा को फिर से स्थापित करना होगा। आत्मनिर्भर और स्वावलंबी गांवों का मॉडल भारत के लिए पुराना है। सिंह ने रेखांकित किया कि सहयोग आज देश की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है।
“सहयोग और अंत्योदय एक दूसरे के पूरक हैं। समाज की अंतिम पंक्ति के चेहरे पर खुशी की भावना लाने का लक्ष्य अंत्योदय है और इस लक्ष्य को साकार करने का कार्य केवल सहकार भारती ही कर सकता है”, उन्होंने जोर देकर कहा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि आज भारत में आठ लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं और इनसे 40 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। इनमें 97 प्रतिशत ग्रामीण नागरिक शामिल हैं। सहकारी समितियों का कृषि उत्पादन में 17 प्रतिशत का योगदान है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सहकारी समितियों को समृद्ध बनाने में बड़ा योगदान दिया है।
सहकार भारती के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामोदय के साथ अंत्योदय का सपना देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा सहकारी समितियों के लिए नाबार्ड के माध्यम से ऋण वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। प्रशिक्षण पर काफी जोर दिया जा रहा है। मोदी सरकार ने सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का व्यापक विस्तार किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में सुसंस्कृत नेतृत्व की जरूरत है। यह काम केवल सहकार भारती ही कर सकती है। गांव, गरीब, किसान और युवाओं को समृद्ध बनाना है।
गौरतलब है कि 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सहकार भारती ने दीनानाथ ठाकुर को राष्ट्रीय अध्यक्ष और डॉ. उदय जोशी को राष्ट्रीय महासचिव के रूप में चुना।
राष्ट्रीय संगठन सचिव संजय पचपोर ने 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। बैठक में भाग लेने के लिए लखनऊ पहुंचे अधिकांश नेतागण कार्यक्रम के बाद अयोध्या के लिए रवाना हो गए थे।