एनसीयूआई और इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके संसदीय कार्यालय में शिष्टाचार भेंट कर इफको नैनो यूरिया पर चर्चा की।
“भारतीयसहकारिता” से बातचीत में संघानी ने कहा, “मैंने माननीय प्रधानमंत्री के साथ इफको नैनो यूरिया प्रौद्योगिकी पर चर्चा की।इस मौके पर मैंने जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों समेत नैनो यूरिया का उपयोग करने वाले किसानों के अनुभव को साझा किया, जिनके उत्पादन में नैनो यूरिया के प्रयोग के बाद बढ़ोतरी हुई है”
“मैंने उन्हें विशेष रूप से एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने के लिए धन्यवाद दिया। हमने देश के सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने पर चर्चा की”, उन्होंने कहा।
मोदी के व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद दोनों नेताओं ने 20 मिनट से ज्यादा समय तक बात की। जैसे ही संघानी ने पीएम के साथ हुई बैठक से जुड़ी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, देश भर के सहकारी नेताओं में उत्साह का माहौल उत्पन्न हो गया।
एक सहकारी नेता ने कहा कि यह सहकारिता क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है कि हम में से कोई इतनी सहजता से प्रधानमंत्री से मिल सकता है।
संघानी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रिया दी। नैनो यूरिया विकसित करने वाले डॉ. रमेश रालिया ने लिखा, “यह जानकर खुशी हुई कि माननीय प्रधान मंत्री को नैनो यूरिया पर अद्यतन जानकारी दी गयी। समान रूप से खुश हैं कि यह कैसे देश भर के किसानों की मदद करता है। उन सभी का आभारी हूँ, जो इसे संभव बना रहे हैं।”
इस बीच मोदी ने गुरुवार को वाराणसी के करखियां में बनास डेयरी काशी संकुल की आधारशिला रखी। एक सरकारी बयान के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र के किसानों और दूध उत्पादकों को सशक्त बनाना और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना है।