महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों और एफपीओ को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हाल ही में एग्री को-ऑप ‘नेफेड’ ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू पर नेफेड के एमडी संजीव चड्ढा, चरणजीत सिंह, एमओआरडी के अधिकारियों समेत अन्य की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
पाठकों को याद होगा कि डीएवाई-एनआरएलएम महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), ग्राम संगठनों और क्लस्टर स्तरीय संघों (सीएलएफ) में संगठित करके उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।
नेफेड और डीएवाई एनआरएलएम मौजूदा उत्पादक संस्थानों के साथ-साथ नए उत्पादक उद्यमों को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और कुशल बनाने में मदद करेंगे।
दोनों का उद्देश्य कृषि वस्तुओं में विपणन और व्यापारिक गतिविधियों में एफपीओ की मदद करना है। वे अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कृषि वस्तुओं, बागवानी और वन उपज, अन्य वस्तुओं और सामानों की बिक्री, खरीद, आयात, निर्यात और वितरण में उनकी मदद करेंगे, एमओयू की शर्तों के मुताबिक।
वे डायग्नोस्टिक स्टडी और वैल्यू चेन असेसमेंट, बिजनेस मॉडल की अवधारणा बनाने, डिलीवरी फ्रेमवर्क और प्रोसेस, फाइनेंशियल जरूरतों और बिजनेस प्लान पर काम करेंगे।
एमओयू के तहत अगर डीएवाई-एनआरएलएम एक अनुभवी वरिष्ठ अधिकारियों की टीम का गठन करेगा तो नेफेड कृषि उत्पादों की खरीद और प्रसंस्करण के संबंध में आवश्यकता-आधारित पेशेवरों के साथ वरिष्ठ कर्मचारियों के नेतृत्व में एक समर्पित टीम नियुक्त करेगा।
स्मरणीय है कि दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक स्थिति और आर्थिक क्षमताओं में सुधार के लिए संगठित होकर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्हें महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), ग्राम संगठनों और क्लस्टर स्तरीय संघों (सीएलएफ) में शामिल किया गया है।