‘सिंपली देसी’ ने महाराष्ट्र के पुणे में अपना पहला फ्रेंचाइज़ी स्टोर खोला, जिसका उद्घाटन महाराष्ट्र प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने आरबीआई बोर्ड के सदस्य सतीश मराठे की उपस्थिति में किया।
सहकार भारती की पहल ‘सिंपली देसी’ देश के विभिन्न राज्यों में दो साल की अवधि में 100 से अधिक स्टोर खोलने की योजना बना रही है।
‘सिंपली देसी’ स्वयं सहायता समूहों और अन्य सहकारी समितियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मंच प्रदान कर रही है। वर्तमान में 1200 से अधिक स्वयं सहायता समूह “सिंपली देसी” से जुड़े हैं। सिंपली देसी के माध्यम से महिलाओं द्वारा बनाए गए लगभग 214 उत्पाद मार्केट में बेच रही है।
“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए सतीश मराठे ने कहा, “सिंपली देसी का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देयता समूहों और महिला उद्यमियों को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।”
“यह उन्हें उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। उत्पादों की पैकेजिंग का काम सिंपली देसी द्वारा किया जा रहा है। सिंपली देसी ने उत्पादों की पैकेजिंग के लिए एक कंपनी के साथ करार किया है”, मराठे ने फोन पर जानकारी दी।
उन्होंने आगे कहा, हम सोशल मीडिया पर एक विशाल अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं, जो देश की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के विपणन में मदद करेगा। हम उनके उत्पादों को ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से भी बेचेंगे। हम गुणवत्ता मानकों से समझौता नहीं कर रहे हैं”, मराठे ने दावा किया।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले और कई अन्य स्थानों पर सिंपली देसी के स्टाल पर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हाल ही में लखनऊ में आयोजित सहकार भारती कार्यक्रम के दौरान भी, सिंपली देसी के कई उत्पाद बिके थे।
एक अनुमान के अनुसार, लगभग 56 लाख एसएचजी विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अपने उत्पादों के विपणन की कमी के कारण, ये स्वयं सहायता समूह सर्वोत्तम मूल्य और बाजार प्राप्त करने में विफल रहे हैं।
आज “सिंपली देसी” कृषि उत्पाद, मसाला, सूखे मेवे, चाय, जूस, हथकरघा, हैंडवाश, बालों की देखभाल, दंत चिकित्सा, वस्त्र और अन्य सहित विभिन्न उत्पाद बेच रही है।