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एनसीयूआई ने पीएमसी बैंक के विलय का किया स्वागत

एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने पीएमसी बैंक का विलय यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में करने के कदम का स्वागत किया है।

पाठकों को याद होगा कि भारत सरकार ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी बैंक) का यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (यूएसएफबीएल) के साथ समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है और इसे अधिसूचित कर दिया है। हालांकि आरबीआई के इस कदम का नेफकॉब और सहकार भारती दोनों ने जमकर विरोध किया है। नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने दावा किया है कि विलय योजना से जमाकर्ताओं को फायदा नहीं होगा।

संघानी के अलावा, एनसीयूआई के पूर्व अध्यक्ष और को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन जी.एच.अमीन ने भी आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘यह पहला सहकारी बैंक है जिसका किसी निजी बैंक में विलय किया गया है। अब जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित है।”

एनसीयूआई की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, नेफसकॉब के प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अगर जमाकर्ताओं की मदद के लिए एक बार में उपाय किए जाते हैं, अगर यह ऐसा नहीं है, तो इस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि जमाकर्ताओं का बकाया चरणबद्ध तरीके से चुकाया जाएगा, जो सही नहीं है। ड्राफ्ट योजना को अंतिम रूप देते समय भी सभी जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि वापस प्राप्त में मदद की जानी चाहिए थी।

भीमा ने कहा कि अगर पीएमसी बैंक का विलय बड़े शहरी सहकारी बैंक में किया जाता तो, यह अधिक वांछनीय होता।

गौरतलब है कि पीएमसी बैंक डिपॉजिटर्स फोरम से जुड़े प्रतिनिधियों ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि आरबीआई ने पीएमसी बैंक की संपत्ति यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक को दान में दे दी है। पीएमसी देनदारियों का भुगतान बैंक द्वारा बड़ी अवधि में अनुचित तरीके से किया जा रहा है।

नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने भी महसूस किया कि पीएमसी बैंक का विलय एक बड़ी इकाई के साथ किया जाना चाहिए था, जो बैंक की सभी देनदारियों और संपत्तियों को ले लेता। इसके अलावा, सहकार भारती चरणबद्ध तरीके से भुगतान का विरोध कर रही है और इस मुद्दे पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है।

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  1. पीएमसी बैंक के विक्टिम को रोज तड़प तड़प कर मरने के लिए 10साल की योजना बनाई है । हमारा मेहनत का पैसा वापस मिलना चाहिए वरना हमको आत्म्हता करने के लिए अधिसूचना जारी कर दो । हमारी गलती ये की हमने बैंक में पैसा रखा आज़ादी के अमृत महोत्सव पर 9 लाख पीएमसी बैंक विक्टिम देश के करप्ट सिस्टीम की शिकार हुई है ऐसे कानून बनाने वाले लोग देश की जनता को मौत की सजा देना चाहती हैं जय श्री राम हे प्रभु हमको गोली मारकर मौत दो

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