केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में पुणे स्थित वामनिकॉम को एक फुल फ्लेज्ड संस्थान में बदलने के लिए एक अलग बजट का प्रस्ताव किया गया है।
बता दें कि पहले बजटीय आवश्यकताओं को एनसीसीटी को जारी सहायता अनुदान के माध्यम से पूरा किया जाता था।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में वामनिकॉम की निदेशक हेमा यादव ने कहा, ‘हमारे इंस्टीट्यूट को पहली बार अलग से बजट आवंटित किया गया है, जो स्वागत योग्य कदम है।”
पाठकों को याद होगा कि सरकार वामनिकॉम की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 11 करोड़ रुपये का सहायता अनुदान प्रदान करती है और फंड को राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) के माध्यम से दिया जाता है। लेकिन अब अगले वित्तीय वर्ष से यह सीधे सहकारिता मंत्रालय द्वारा वामनिकॉम को दिया जाएगा।
इसके अलावा, सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच समानता लाने के लिए इस बजट में को-ऑपरेटिव सोसायटियों के लिए दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया गया है। वित्त मंत्री ने ऐसी सहकारी समितियों पर अधिभार की दर को भी मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।