केंद्रीय बजट 2022-23 के परिप्रेक्ष्य में, बुधवार को देश भर के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो यूरिया पर चर्चा की, जिसे हाल ही में सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था-इफको ने विकसित किया है। किसानों से इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
“नैनो उर्वरक किसानों को बड़े पैमाने पर मदद करेगा और देश भर में उर्वरक संकट को भी कम करेगा। हमारे वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को विकसित किया है, जो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। हालांकि इस बजट में नैनो यूरिया का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया, लेकिन हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”, मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री के भाषण से उत्साहित, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “श्री नरेंद्र मोदी जी का मैं तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने इफको द्वारा निर्मित दुनिया के पहले नैनो उर्वरक का ज़िक्र किया। निश्चित रूप से यह वैश्विक कृषि को एक नया रूप देगा। नैनो भविष्य का आविष्कार/उत्पाद है, जो किसानों की बहुत मदद करेगा।”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले बजट में हमने उर्वरक सब्सिडी के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन देश के किसानों की मदद करने की दिशा में हमने 40,000 करोड़ रुपये का और अधिक प्रावधान किया। यह कोविड -19 के मद्देनजर किया गया था, ताकि किसानों को उर्वरक की बढ़ती कीमतों का बोझ नहीं सहना पड़े। अब हमने उर्वरक सब्सिडी को 80,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,05,000 करोड़ रुपये कर दिया है”।
बता दें कि इफको ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव की नई तकनीक पर भी काम कर रहा है, जिससे किसानों को बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी। केंद्रीय बजट में भी निर्मला सीतारमण ने ड्रोन तकनीक के माध्यम से कीटनाशकों, कीटनाशकों और अन्य के छिड़काव के बारे में बात की थी।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने अपने “मन की बात” कार्यक्रम में भी राज्यों में चल रहे ड्रोन-संचालित नैनो यूरिया छिड़काव अभ्यास का भी उल्लेख किया था।
पाठकों को याद होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी नैनो यूरिया का उल्लेख किया गया है।