इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने मंगलवार को अमरेली जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (अमर डेयरी) परिसर में शहद संयंत्र की आधारशिला रखी।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में संघानी ने कहा, “देश में श्वेत और हरित क्रांति की तर्ज पर मीठी क्रांति लाने में अपना छोटा सा योगदान देने की दिशा में हमने अमर डेयरी परिसर में शहद संयंत्र की आधारशिला रखी है।”
“इसके अलावा, हम एक किसान प्रशिक्षण केंद्र और लैबोरेटरी का भी निर्माण कर रहे हैं। इस परियोजना की कुल लागत 12 करोड़ रुपये है और इसे 8 महीनों में पूरा किया जाएगा”, संघानी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अमरेली जिले का दौरा किया था, तो उन्होंने अमर डेयरी परिसर में आइसक्रीम प्लांट और शहद संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। पीएम की घोषणा के बाद, हमने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया और 35 बीघा भूमि पर पेड़ लगाए। सौभाग्य से, हमें उत्साहजनक परिणाम मिले और हम अब यहां शहद संयंत्र स्थापित कर रहे हैं, जो क्षेत्र के किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा और निश्चित रूप से उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा।”
“वर्तमान में भी, हम शहद का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन लैबोरेटरी की सुविधा नहीं होने के कारण, हम शहद को आनंद (गुजरात) में स्थित प्रयोगशाला में भेजते हैं, जो अमरेली जिले से 200 किलोमीटर दूर है। नए संयंत्र की स्थापना के बाद यह काफी आसान हो जाएगा”, संघानी ने कहा
बता दें कि अमर डेयरी, अमूल ब्रांड नाम से दूध और डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लि. (जीसीएमएमएफ) के सदस्यों में से एक है।
पाठकों को याद होगा कि कृषि सहकारी संस्था नेफेड भी मधुमक्खी पालकों के 65 एफपीओ बना रहा है। इसके अलावा, एनडीडीबी ने भी हाल के दिनों में मधुमक्खी पालकों के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था।