संकटग्रस्त उस्मानाबाद (महाराष्ट्र) जिला सहकारी बैंक के 21 फरवरी को होने वाले चुनाव में 15 सीटों में से 10 सीटों के लिए 22 उम्मीदवार मैदान में हैं और पांच निदेशक निर्विरोध चुने गये हैं।
बता दें कि वर्तमान में बैंक की वित्तीय हालत काफी खराब है। यह बैंक लगभग 101 करोड़ रुपये के नुकसान में है और किसानों को सीधे फसल ऋण देने की स्थिति में भी नहीं है।
इस बीच, शिवसेना के पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर रावसाहेब पाटिल, पूर्व विधायक राहुल मोटे के भाई मधुकर मोटे, पूर्व मंत्री बसवराज पाटिल के भाई बापू राव पाटिल, विधायक तानाजी साहब के भतीजे विक्रम सावंत और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मधुकरराव चव्हाण पुत्र सुनील चव्हाण निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
महाराष्ट्र के एक स्थानीय सहकारी नेता ने कहा, विडंबना यह है कि राज्य सरकार बैंक को पुनर्जीवित करने की बजाय बैंक का चुनाव कराने में व्यस्त है। वर्तमान में बैंक सीधे किसानों को फसल ऋण प्रदान नहीं कर सकता है। अतः इसे महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक की पुनर्वित्त योजना के माध्यम से दिया जा रहा है।
भारतीय सहकारिता संवाददाता से बातचीत में बैंक के एमडी विनय पाटिल ने कहा, “हमें टेरना और तुलजाभवानी सहकारी चीनी मिलों से 465 करोड़ रुपये का बकाया वसूलना है और इसी कारण से बैंक वित्तीय संकट से जूझ रहा है। चीनी मिलों पर कार्रवाई करते हुए, हमने टेरना चीनी मिल को 25 साल के लिए भैरवनाथ शुगर वर्क्स लिमिटेड को किराए पर दिया है जबकि तुलजाभवानी मिल को 15 साल के लिए गोकुल शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिया गया है।”
इस चुनाव में एस यू शिरापुरकर को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। 10 सीटों के लिए 808 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं और 8 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।