महाराष्ट्र स्थित सतारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष नितिन पटेल के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में नाबार्ड के अध्यक्ष जीआर चिंताला से मुलाकात की और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उनके समक्ष रखा। प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से क्रेडिट मॉनिटरिंग एरेंजमेंट (सीएमए) योजना में संशोधन पर जोर दिया।
इस मौके पर बैंक के उपाध्यक्ष अनिल देसाई, निदेशक और महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे निंबालकर, प्रदीप विधाते, राजेंद्र राजपुरे, सीईओ राजेंद्र सरकाले समेत अन्य लोग शामिल थे।
बैठक के तुरंत बाद, भारतीय सहकारिता से बात करते हुए बैंक के सीईओ राजेंद्र सरकाले ने कहा, “बैठक में जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। नाबार्ड के अध्यक्ष ने हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया।”
“सीएमए योजना में संशोधन के अलावा हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डीसीसीबी को भी लाभ प्रदान करने और आवास और व्यक्तिगत ऋण में विस्तार करने का अनुरोध किया”, उन्होंने कहा।
सरकाले ने आगे कहा, “2008 के बाद से सीएमए योजना में कोई संशोधन नहीं किया गया है और हमने नाबार्ड के अध्यक्ष से इस मामले पर विचार करने को कहा है। वर्तमान में हम सहकारी चीनी मिल को बैंक की पूंजी निधि के 60 प्रतिशत से अधिक ऋण नहीं दे सकते। हमने नाबार्ड के अध्यक्ष से उन डीसीसीबी को 100 प्रतिशत ऋण की अनुमति देने को कहा जो ‘ए’ ग्रेड श्रेणी में आते हैं। हमारी पूंजी निधि लगभग 535 करोड़ रुपये है”, सरकाले ने कहा।
बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने आवास ऋण को मौजूदा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 80 लाख रुपये और व्यक्तिगत ऋण सीमा को 1 करोड़ रुपये करने का भी अनुरोध किया। “इसके अलावा, अन्य बैंक प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत ग्राहकों को लाभ दे रहे हैं लेकिन डीसीसीबी बैंकों को इस योजना में सूचीबद्ध नहीं किया गया हैं। हमने नाबार्ड के चेयरमैन से इस मुद्दे पर गौर करने को कहा है”, सीईओ ने कहा।
पाठकों को याद होगा कि जब केंद्रीय सहकारिता सचिव देवेंद्र कुमार सिंह ने पुणे का दौरा किया था तब तीन जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने एक प्रस्तुति दी थी, जिसमें सरकाले भी मौजूद थे।
सतारा डीसीसीबी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया था। इसके अलावा, बैंक ने 150 करोड़ रुपये का सकल लाभ और 65 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।