महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने संकटग्रस्त उस्मानाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को मुंह की खानी पड़ी है।
बैंक के बोर्ड में 15 निर्वाचित निदेशक होते हैं, जिनमें से 5 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये और रविवार को 10 सीटों के लिए मतदान हुआ। नतीजे की घोषणा सोमवार को की गई।
चुनाव में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की। शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों में पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर राव साहेब पाटिल, विक्रम सावंत, नाना साहेब पाटिल, संजय देसाई और बलवंत तांबरे शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों में बापू राव पाटिल, सुनील चव्हाण, श्रीमती अपेक्षा अष्टे, नागप्पा पाटिल और संजीव पाटिल के नाम शामिल हैं। एनसीपी से मधुकर मोटे, श्रीमती प्रवीणा कोलेट, सुरेश बिराजदार, संजय कांबले और महबूब पाशा पटेल ने जीत हासिल की।
नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद विजयी उम्मीदवारों के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। इतना ही नहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार के हाई-प्रोफाइल नेताओं ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें जीत की बधाई दी।
एनसीपी के स्थानीय विधायक धीरज वी देशमुख ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”उस्मानाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चुनाव में महाविकास अघाड़ी सरकार ने 15 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की है। इसके लिए सभी विजेता उम्मीदवारों को बधाई!
पूर्व विधायक राहुल महारुद्र मोटे ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा, “उस्मानाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने 15 में से 15 सीटें जीती हैं। सभी जीतने वाले उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई और उनके पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को दिल से धन्यवाद।”
पाठकों को याद होगा कि बैंक का संचित घाटा करीब 101 करोड़ रुपये का है और बैंक को टेरना और तुलजाभवानी सहकारी चीनी मिलों से 465 करोड़ रुपये का बकाया वसूलना है।
फिलहाल बैंक को वित्तीय संकट से उबारने के लिए नव-निर्वाचित टीम को कड़ी मेहनत करनी होगी। बैंक के हित में एक के बाद एक फैसले लेने होंगे और डिफॉल्टर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
इस चुनाव में एस यू शिरापुरकर को रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया था।