छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को रायपुर में एक सहकारिता सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें न केवल राज्य के स्थानीय सहकारी नेताओं ने शिरकत की बल्कि कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (नफस्कोब) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें कृभको और आईसीए-एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्र पाल सिंह, नेफस्कोब के अध्यक्ष कोंडुरु रवींद्र राव, नेफेड के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, बिस्कोमॉन के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह, आदि मौजूद रहे।
बघेल ने अपने भाषण में किसानों और ग्रामीण लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते परिदृश्य में सहकारी बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों की तरह मजबूत बनाना होगा।
“सहकारी बैंकों द्वारा बागवानी और नकदी फसल के लिए ऋण देने की व्यवस्था की जाए। देश में सहकारिता आंदोलन का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराना है। ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके”, उन्होंने कहा।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए देश भर की कई सहकारी समितियों को पुरस्कार प्रदान किए।
इस मौके पर तमिलनाडु स्टेट एपेक्स कोऑपरेटिव बैंक को पहला पुरस्कार दिया गया, वहीं दूसरे पुरस्कार से आंध्र प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक, विजयवाड़ा को नवाजा गया। तीसरा पुरस्कार तेलंगाना स्टेट एपेक्स कोऑपरेटिव बैंक, हैदराबाद को दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, रायपुर द्वारा प्रकाशित एपेक्स बैंक की स्मारिका एवं किसान पुस्तक का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के बाद, भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, आईसीए एपी के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव ने बैठक को सफल बताते हुये कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह के सम्मेलन में भाग लेना सीधे तौर पर सहकारी आंदोलन के लिए शुभ संकेत है।
बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह ने भी सम्मेलन से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की।