राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने पिछले सप्ताह मिजोरम की राजधानी आइजोल में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें राज्य की मुख्य सचिव डॉ रेणु शर्मा मौजूद रहीं।
इस बैठक का आयोजन मिजोरम स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग एंड कंज्यूमर फेडरेशन लिमिटेड (मिजोफेड) में किया गया। इस मौके पर एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने मिजोरम में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा संचालित विभिन्न विकास योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य के सहकारी आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए आगे की रणनीति पर भी चर्चा की।
नायक ने बताया कि एनसीडीसी ने 31 मार्च 2021 तक मिजोरम में विभिन्न सहकारी परियोजनाओं को लाभान्वित करते हुए 74.75 करोड़ रुपये की कुल सहायता प्रदान की है।
एनसीडीसी ने मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, पशुधन और हथकरघा के विकास के लिए क्रमशः 0.188 करोड़ रुपये, 0.098 करोड़ रुपये, 0.201 करोड़ रुपये और 6.0526 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की। एनसीडीसी ने इस कार्यक्रम के तहत कुल 121 इकाइयों को सहायता प्रदान की।
कम्प्यूटरीकरण के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने मिजोरम स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को 0.392 करोड़ रुपये प्रदान किए। बैठक के तुरंत बाद एनसीडीसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से इस खबर को साझा किया गया।
बता दें कि एनसीडीसी पूर्वोत्तर राज्यों के सहकारी आंदोलन को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस संबंध में कृषि सहकारी ऋणदाता ने कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया है।
ऐसा माना जाता है कि संसाधनों और लोगों में जागरूकता की कमी के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र का सहकारिता आंदोलन काफी कमजोर है। लेकिन मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और अन्य राज्यों की राज्य सरकारें सहकारिता आंदोलन को विकसित करने में गहरी दिलचस्पी ले रही हैं।
स्मरणीय है कि डेयरी सहकारिता को मजबूत करने के लिए, एनसीडीसी ने मेघालय दुग्ध मिशन शुरू किया और सहकारिता के माध्यम से सुअर पालन क्षेत्र के विकास के लिए, एनसीडीसी ने अतीत में मेघालय पिगरी मिशन का उद्घाटन किया था।