आजादी का अमृत महोत्सव के तहत “किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी” अभियान 25 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल 2022 तक चलाया गया। इस अभियान के तहत देश भर में कृषक समुदाय को विभिन्न योजनाओं तथा उनके लाभ के बारे में बताया गया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के माध्यम से भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) के सहयोग से ‘‘जंगली एवं वन्य शहद” पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। मीठी क्रांति ने जनजातीय मधुमक्खी पालकों को पहले की तुलना में 1.5 से 2 गुनी अधिक कीमत प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
एनबीबी द्वारा मधुमक्खी पालकों/शहद उत्पादकों के 100 एफपीओ की पहचान की गई है। इनमें से 14 एफपीओ ट्राइफेड को आबंटित किए गए हैं जो 27 राज्यों तथा 307 जिलों में कार्यान्वित किए जा रहे अपने ‘‘वन धन कार्यक्रम” के माध्यम से जंगली शहद के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बुधनी, हिसार, अनंतपुर तथा बिश्वनाथ चरियाली में फार्म मशीनरी प्रशिक्षण तथा जांच संस्थानों के माध्यम से विशेष अभियान का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में, कृषि संबंधी विभिन्न मशीनरी उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त, हिसार (हरियाणा) स्थित उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं जांच संस्थान में एक वेबिनार के माध्यम से नवोन्मेषकों तथा उद्योग के बीच संयोजन भी आयोजित किया गया।
त्रिपुरा सरकार के कृषि मंत्री ने त्रिपुरा में नारियल विकास बोर्ड के प्रदर्शन सह बीज उत्पादन फार्म में कार्यालय भवन व कृषक प्रशिक्षण केंद्र के साथ-साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पोल्लची संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री के शन्मुगासुंदरम ने तमिलनाडु के धली में उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया।
शिमोगा के केलाडी शिवप्पा नायका कृषि एवं बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय के सहयोग से काजू एवं कोकोआ विकास महानिदेशालय ने शिमोगा के नैवाइल के केएनयूएएचएस परिसर में एक मेगा काजू तथा कोकोआ मेले का आयोजन किया।
कैम्पको, कैडबरी के हितधारकों तथा विकास विभागों ने कार्यक्रम में भाग लिया। काजू तथा कोकोआ के सजीव उत्पादों, एमआईडीएच के कार्यकलापों आदि को चित्रित करते हुए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
आईसीएआर के संस्थानों ने 70 से अधिक आईसीएआर अनुसंधान संस्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है जिनमें 25,000 से अधिक किसानों तथा कृषि-उद्यमियों की भागीदारी देखी गई।
किसान मेलों के अतिरिक्त, विभिन्न संस्थानों द्वारा किसान-वैज्ञानिक परस्पर बातचीत, पशु स्वास्थ्य शिविरों, प्रदर्शनियों तथा किसानों द्वारा विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों के दौरों का भी आयोजन किया गया।
खेत तथा ग्राम के स्थानों पर किसान-वैज्ञानिक-स्टार्ट अप परस्पर बातचीत सहित मोटे अनाजों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्टार्टअप्स ने उनके द्वारा विकसित नवोन्मेषी मशीनों के संबंध में अपने उद्यमिता संबंधी अनुभवों को साझा किया तथा किफायती कीमत पर किसानों को उनकी पेशकश की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने समेकित वाटरशेड विकास, प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी उपयोग की दिशा में इसके योगदान, किसानों की आजीविका तथा आय में वृद्धि पर एक वेबिनार का आयोजन किया तथा डीएवाई-एनआरएलएम ने एक व्याख्यान आयोजित किया एवं कृषि/पशुपालन सखियों के अनुभवों को साझा किया।