बिहार के सहकारी बैंक अब जमीन समेत अन्य दस्तावेजों के निबंधन के लिए जरूरी ई स्टाम्प बेचेंगे। राज्य सरकार ने एक आदेश के जरिए स्टॉक होल्डिंग कंपनी ऑफ इंडिया से स्टाम्प बिक्री की जिम्मेदारी लेकर सहकारी बैंकों को दे दी है।
इससे पहले ई-स्टाम्प राज्य में स्टॉक होल्डिंग कंपनी ऑफ इंडिया द्वारा बेचे जाते थे। इसके बदले में कंपनी को 1 प्रतिशत का कमीशन मिलता था।
स्टांप की बिक्री में अनियमितता की कई शिकायतों के बाद, यह काम सहकारी बैंकों को सौंपा गया है। फिलहाल स्टाम्प की खरीद स्टॉक होल्डिंग कंपनी ही करेगी लेकिन लोगों को सहकारी बैंक बेचेंगे। बदले में कमीशन की राशि का बराबर बंटावारा भी दोनों संस्थाओं के बीच होगा।
जानकारी के मुताबिक, सहकारी बैंक औसतन 30 करोड़ रुपये का सालाना मुनाफा कमा सकेंगे। बताया जा रहा है कि राज्य में 120 से अधिक पंजीकरण केंद्र हैं, जिनमें से सहकारी बैंकों ने पहले ही 70 केंद्रों पर ई-टिकट बेचना शुरू कर दिया है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल राज्य में पांच हजार करोड़ रुपये के ई-स्टाम्प बेचे गए थे और इस साल के लिए निर्धारित लक्ष्य 6 हजार करोड़ रुपये है।
गौरतलब है कि प्रदेश के सहकारी बैंक लगातार अन्य गतिविधियों में अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं। गांव स्तर पर उनकी मजबूत पकड़ है। इस कदम से स्थानीय लोगों को ई-टिकट खरीदना काफी आसान होगा।
इससे पहले बिहार के कई जिला सहकारी बैंकों में ई-स्टैम्पिंग काउंटर खोलने की खबरें मीडिया की सुर्खियों बनी हुई थी। हाल ही में उप विकास आयुक्त सुपौल, जिला सहकारी अधिकारी सह प्रबंध निदेशक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, सुपौल ने ई-स्टांपिंग काउंटर का शुभारंभ किया।
बिहार में 23 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और 8,463 पैक्स हैं।