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को-ऑप बैंक प्रतिनिधियों को अमित शाह करेंगे संबोधित

नेफकॉब 23 जून 2022 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। इसमें शेड्यूल्ड और बहु-राज्य शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटी से जुड़े प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।

इस कॉन्क्लेव का विषय “भविष्य में शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र की भूमिका” होगा। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा इस अवसर पर सम्मानित अतिथि होंगे।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने कहा कि जिन शहरी सहकारी बैंकों ने अपने अस्तित्व के 100 साल पूरे कर लिये, उन्हें केंद्रीय मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। “यह सहकारी बैंकिंग मॉडल की सफलता का जीता जागता उदाहरण हैं”, उन्होंने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि शहरी सहकारी बैंकों से जुड़े कई मुद्दे हैं, जिनमें निजी और सार्वजनिक उपक्रमों के रूप में बाजार से पूंजी जुटाना, शाखा विस्तार समेत अन्य को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है। मेहता ने कहा कि पहले 750 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले शहरी सहकारी बैंकों को स्वत: ही अनुसूचित दर्जा दे दिया जाता था, लेकिन अब यह बंद हो गया है। हम इस प्रावधान की बहाली के लिए मंत्री से अनुरोध करेंगे”, मेहता ने रेखांकित किया।

भारत में 1500 से अधिक शहरी सहकारी बैंक हैं और इनमें से 52 बैंक अनुसूचित बैंक हैं। इस बीच आयोजन को सफल बनाने के लिए जोर शोर से तैयारी चल रही है। अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। इस सम्मेलन में नेफकॉब 1000 से अधिक प्रतिभागियों को जुटाने की योजना बना रहा है और सचिव, केंद्रीय रजिस्ट्रार, संयुक्त सचिव सहित सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जमा में शहरी सहकारी बैंकों की हिस्सेदारी 5,01,178 करोड़ रुपये है और अग्रिम 31 मार्च 2020 तक 3,05,368 रुपये हैं। शहरी सहकारी बैंकों की देश-भर में 11,195 शाखाएं हैं। अधिकांश यूसीबी गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में हैं।

नेफकॉब ने देश के सभी राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया है। मेहता ने भारतीय सहकारिता से कहा, “उनमें से अधिकांश ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है।”

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