नेफकॉब कॉन्क्लेव को सफल बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस कॉन्क्लेव का आयोजन 23 जून 2022 को विज्ञान भवन में किया जाएगा, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे।
इसका विषय “भविष्य में शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र की भूमिका” होगा। शाह के अलावा, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा, सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार (आईएएस), केंद्रीय रजिस्ट्रार, एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े दिग्गज नेता शिरकत करेंगे।
इस मौके पर अम्ब्रेला संगठन के गठन में आ रही चुनौतियां, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला जाएगा।
उद्घाटन सत्र के तुरंत बाद कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा। पहला सत्र “यूसीबी की भविष्य की भूमिका और आरबीआई की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों” पर आयोजित किया जाएगा। इस सत्र को पूर्व डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन, आरबीआई के निदेशक सतीश मराठे, सारस्वत बैंक के अध्यक्ष गौतम ठाकुर, कॉसमॉस बैंक के अध्यक्ष मिलिंद काले और एसवीसी बैंक के एमडी अशोक सिंघल संबोधित करेंगे।
दूसरे सत्र का विषय “राष्ट्रीय सहकारी वित्त और विकास निगम, यूसीबी क्षेत्र के लिए अमब्रेला संगठन एक गेम-चेंजर” होगा। इसकी अध्यक्षता नेफकॉब के चेयरमैन एमेरिटस एच के पाटिल करेंगे और पैनलिस्टों में आरबीआई सेवानिवृत्त ईडी वी एस दास, सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी एन ठाकुर और कालूपुर बैंक के सीईओ विनोद ददलानी शामिल हैं।
वहीं तीसरे सत्र का विषय “बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020- प्रभाव और विकास” है। इसकी अध्यक्षता नेफ्कॉब के उपाध्यक्ष वी वी अनस्कर करेंगे। इस सत्र में कल्याण जनता सहकारी बैंक के एमडी अतुल खिरवाडकर भी भाग लेंगे।
फिलहाल नेफकॉब तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। यह पहला सम्मेलन होगा, जिसमें शाह भाग लेंगे, जिसे विशेष रूप से अनुसूचित और बहु-राज्य शहरी सहकारी बैंकों से जुड़े सहकारी समितियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारत में 1500 से अधिक शहरी सहकारी बैंक हैं और इनमें से 52 बैंक अनुसूचित बैंक हैं।
इस मौके पर 100 वर्ष पूरे कर चुके शहरी सहकारी बैंकों को सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। औसतन 198 बैंक इस अवार्ड सेशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।