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सूरत डीसीसीबी का कारोबार 10 हजार करोड़ के पार

सूरत जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है और अगले तीन साल की अवधि में 15,000 करोड़ रुपये का व्यापार हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में बैंक के अध्यक्ष नरेशभाई पटेल ने कहा, “हम बैंक के व्यापार को बढ़ाने और मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमने अगले तीन साल की अवधि में 15,000 करोड़ रुपये का व्यापार हासिल करने की योजना बनाई है और मौजूद 111 शाखाओं के विशाल नेटवर्क को 125 तक बढ़ाने की रणनीति बना रहे हैं।”

बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि हमारा कार्यक्षेत्र सूरत और तापी जिला है और हम उक्त जिलों में फैली 111 शाखाओं के माध्यम से किसानों की मदद कर रहे हैं। 2400 से अधिक सोसायटी हमारी शेयरधारक हैं।

बैंक की जमा आधार 2020-21 में 6750 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 वित्त वर्ष में 7868 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ऋण और अग्रिम 31 मार्च 2021 तक 2723 करोड़ रुपये से घटकर 31 मार्च 2022 तक 2559 करोड़ रुपये रहे गया। बैंक का कुल कारोबार 10,427 करोड़ रुपये का है।

इसके अलावा, बैंक का नेट एनपीए ‘शून्य’ पर बना हुआ है और वित्त वर्ष 2021-22 में 25 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। इससे पहले 2020-21 में यह 21 करोड़ रुपये था।

बातचीत में पटेल ने रेखांकित किया कि; हमारा बैंक समाज के समग्र उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। हमने अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक धर्मार्थ संस्थानों को लाखों रुपये का दान दिया है और शैक्षिक संगठनों की सहायता के लिए एक अलग कोष भी बनाया है।

वर्ष 1909 में स्वर्गीय बी.ए.मोदी और स्वर्गीय के.जी.देसाई के प्रयासों से सूरत जिला सहकारी (शहरी) यूनियन लिमिटेड, 17-6-1909 को पंजीकृत किया गया था। वर्ष 1921 में इस सोसायटी ने बैंकिंग गतिविधियों को पूर्ण रूप से करना शुरू किया था। 1923 में सूरत जिला सहकारी (शहरी) यूनियन लिमिटेड को सूरत जिला सहकारी बैंक में परिवर्तित किया गया था, बैंक की वेबसाइट के अनुसार।

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