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स्वर्गीय शंकरराव कोल्हे के पोते विवेक कोल्हे को सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी सखार कारखाना के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है। पिछले सप्ताह हुये चुनाव में रमेश घोडेराव उपाध्यक्ष चुने गए।
बता दें कि कोल्हे के दादा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कट्टर नेता थे, लेकिन वे खुद भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। जूनियर कोल्हे की मां स्नेहलताताई कोल्हे भाजपा से विधायक रह चुकी हैं।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, विवेक कोल्हे ने कहा, “मैं गन्ना उत्पादकों और बोर्ड के सदस्यों के प्रति बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा और चीनी उद्योग को मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करूंगा”, उन्होंने कहा।
“मैंने शुगर को-ऑप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई अलग-अलग रणनीतियाँ तैयार की है। हम पैरासिटामोल बनाने पर काम कर रहे हैं और पायलट ट्रायल जारी है। हमें उम्मीद है कि प्लांट लगाने की सभी औपचारिकताएं कुछ महीनों में पूरी कर ली जाएंगी। अगर हम अपने मिशन में कामयाब होते हैं, तो हम सहकारी चीनी उद्योग में पैरासिटामोल विकसित करने वाले पहले होंगे”, कोल्हे ने गर्व से कहा, जो अहमदनगर डीसीसीबी के बोर्ड में भी हैं।
चुनाव के तुरंत बाद, उन्होंने प्रसिद्ध शिरडी साईं बाबा मंदिर में आशीर्वाद लिया, जहां श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट मंडल के प्रतिनिधियों द्वारा कोल्हे का अभिनंदन किया गया।
कोल्हे को उनकी जीत पर बधाई देने में उनके मित्रों और अनुयायियों ने कोई समय नहीं गंवाया। सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा गया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कोल्हे को उनकी जीत पर बधाई दी।
कहा जा रहा है कि सहकारी चीनी मिलों के इतिहास में पहली बार बोर्ड का चुनाव निर्विरोध हुआ है। 28 साल से उनके पिता शीर्ष पद पर काबिज थे।
सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड 60 साल पुराना एक उच्च प्रतिष्ठित सहकारी चीनी कारखाना है।