सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है।
शाह ने अपने जवाब में कहा कि एनसीडीसी ने ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में 2021-22 वित्त वर्ष में 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
31 मार्च 2021 को यह राशि 24,733 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2021-22 वित्त वर्ष में 34,221 करोड़ रुपये हो गई। केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) समेत अन्य संस्थानों के माध्यम से सहकारी क्षेत्र को विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।”
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने आगे कहा कि सहकारी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कृषि, मत्स्य पालन, कृषि-प्रसंस्करण, डेयरी जैसे आधारित क्षेत्रों में विशेष रूप से संलिप्त सहकारी समितियां दूध, मत्स्य, सब्जियां, फलों, फूलों, औषधीय पौधे, वन उत्पाद, रेशम के लिए ऋण, कृषि इनपुट और विपणन प्रदान कर रही हैं।
जबकि संबंधित सहकारी समितियों द्वारा प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किये जाते हैं, सहकारी क्षेत्र के संपूर्ण परितंत्र को सुदृढ करने से ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार के असीम अवसरों का सृजन होता है।
इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने सहकारी समितियों को बहुआयामी और आर्थिक व्यवहार्य इकाई बनाने के लिए अनेक पहल किये हैं, जिनमें एक नई राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार करना, एक राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का सुदृढ़ीकरण, सहकार से समृद्धि योजना बनाना, मौजूदा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को कम्प्यूटरीकृत करना और बहुउद्देशीय एवं बहुसेवा पैक्स के लिए मॉडल उपनियम बनाने हेतु हितधारक परामर्श की शुरूआत जैसी पहल शामिल हैं।