कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक वित्त वर्ष 2021-22 में एनपीए के बढ़ते स्तर को घटाने में सफल रहा। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते बैंक के एनपीए में उछाल देखने को मिला था और जिसे नियंत्रित करने में बैंक मैनेजमेंट कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में बैंक के अध्यक्ष लक्ष्मी दास ने कहा, “वर्तमान में बैंक न केवल ऋण वसूली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि अपने व्यवसाय में विविधता लाने की भी योजना बना रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, हम वित्त वर्ष 2021-22 में एनपीए के स्तर को कम करने में सफल रहे।
“बैंक का नेट एनपीए 31 मार्च 2021 तक 6.58 प्रतिशत था, जो 2021-22 वित्त वर्ष में घटाकर 3.58 प्रतिशत रहा गया है। वहीं सकल एनपीए भी 11 प्रतिशत से नीचे आ गया है। 2021-22 वित्तीय वर्ष में बैंक ने जमा और ऋण और अग्रिम में थोड़ी गिरावट दर्ज की है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष के अंत में, इसमें तेजी आएगी”, दास ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक का कुल व्यापार 1782 करोड़ रुपये रहा। 31 मार्च 2022 तक, जमा और ऋण और अग्रिम क्रमशः 1205.88 करोड़ रुपये और 577.37 करोड़ रुपये रही। बैंक ने 12.21 करोड़ रुपये का सकल लाभ और 7.28 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है।
“हालांकि कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक मल्टी स्टेट का दर्जा हासिल करने में जुटा हुआ है, लेकिन सकल एनपीए अधिक होने के कारण, ऐसा करने में विफल है। लेकिन, चालू वित्त वर्ष में, हम इसे कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में मल्टी स्टेट का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन करेंगे”, उन्होंने रेखांकित किया।
पाठकों को याद होगा कि बैंक ने निदेशक मंडल के अलावा बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट का गठन किया है और अनुमोदन के लिए आरबीआई और रजिस्ट्रार को भेजा गया है।
बैंक की 12 शाखाएं हैं, जो दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फैली हुई हैं।