राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था- नेफ्सकॉब 12 अगस्त 2022 को विज्ञान भवन में ग्रामीण सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे।
यह सम्मेलन सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसको सफल बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
हाल ही में नेफ्सकॉब ने वर्चुअल मोड में तैयारियों को लेकर कार्यकारी समिति की बैठक का आयोजन किया था, जिसमें राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान कई विषयों पर चर्चा हुई और मुख्य तौर पर सम्मेलन के दौरान सहकारी बैंकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित करने पर भी विचार विमर्श हुआ।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में कार्यकारी समिति के एक सदस्य ने कहा, नेफ्सकॉब ने बैंकों को छह क्षेत्रों में विभाजित किया है और 33 राज्य सहकारी बैंकों में से लगभग आठ बैंकों ने 100 से अधिक वर्ष पूरे कर लिए हैं, जबकि 351 डीसीसीबी में से 153 ने 100 से अधिक वर्ष पूरे किए हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि किन बैंकों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
देशभर में 33 राज्य सहकारी बैंक की 2,072 शाखाए हैं जबिक 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 13,589 शाखाओं का एक विशाल नेटवर्क हैं। नाबार्ड के अनुसार, भारत में 95,995 पैक्स हैं।
देश भर के सभी राज्य सहकारी बैंक (अरुणाचल प्रदेश एसटीसीबी को छोड़कर) लाभ में है। इसके अलावा, 351 डीसीसीबी में से 291 ने मुनाफा कमाया जबकि 60 डीसीसीबी को वित्त वर्ष 2020 के दौरान घाटा हुआ। घाटे में चल रहे डीसीसीबी के तीन-चौथाई उत्तर प्रदेश (30%), मध्य प्रदेश (22%), पंजाब (13%) और बिहार (12%) में हैं, नाबार्ड 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार।
31 मार्च 2020 तक, जिला सहकारी बैंकों का जमा 3,45,682 करोड़ रुपये और ऋण एवं अग्रिम 2,79,272 करोड़ रुपये था। वहीं उक्त वित्तीय वर्ष में राज्य सहकारी बैंकों का डिपॉजिट 2,10,342 करोड़ रुपये और ऋण एवं अग्रिम 1,99,943 करोड़ रुपये था।