केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेम)पोर्टल पर सहकारिताओं की ऑनबोर्डिंग को ई-लॉन्च किया।
भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय,भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) और जेम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय सहकारिता एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा और एनसीयूआई के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र के विस्तार के लिए जेम पोर्टल एक बहुत उपयोगी प्लेटफार्म सिद्ध होगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार की अधिकतर इकाइयां जेम के माध्यम से ही ख़रीदारी करती हैं इसलिए सहकारी समितियों को अपना बाज़ार बढ़ाने के लिए जेम पर आपूर्ति के लिए पंजीकरण की भी तैयारी शुरु करनी चाहिए। उन्होने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ से भी सहकारी समितियों की मार्केटिंग बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि इसके लिए जेम से अच्छा और कोई रास्ता नहीं हो सकता।
शाह ने कहा कि सहकारिता का मॉडल ही एक ऐसा मॉडल है जिसमें कम पूंजी के साथ भी लोग एक साथ आकर बड़े से बड़े काम को सरलता से कर सकते हैं। उन्होने कहा कि पहले कोऑपरेटिव मॉडल में अधिक संभावनाएं नहीं थी परंतु श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसमें 60 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को जीवित किया है।
उन्होने कहा कि कोई भी व्यवस्था समय के साथ खुद को नहीं बदलती तो वह कालबाह्य हो जाती है,सहकारिता क्षेत्र के विस्तार के लिए इसमें सुधार करना आवश्यक है। हमारे देश में कोऑपरेटिव की व्यवस्था 115 साल पुरानी है, कानून भी बहुत पुराने हैं, बीच-बीच में थोड़े बहुत परिवर्तन हुए परंतु समय के हिसाब से आमूलचूल परिवर्तन और आधुनिकरण नहीं हुआ।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि अब सहकारिता क्षेत्र के साथ कोई दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं कर सकता परंतु हमें भी बदलाव की शुरुआत करनी पड़ेगी,पारदर्शिता की दिशा में आगे जाना होगा और अपने आप को तैयार करना पड़ेगा। सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए जेम पोर्टल बहुत उपयोगी साबित होगा और जब पारदर्शिता होगी तभी किसानों व दुग्ध उत्पादकों का भरोसा भी समितियों और उनके सदस्यों पर बढेगा।
उन्होने कहा कि जेम पोर्टल लाकर मोदी जी ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने का काम किया है,एक नई व्यवस्था है, शुरुआत में कुछ प्रशासकीय समस्याएं आ सकती है लेकिन इसके इरादे पर किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि सहकारिता में चुनाव, भर्ती और ख़रीदारी इन तीन क्षेत्रों में पारदर्शिता लाना भी बहुत जरूरी है। ख़रीदारी में पारदर्शिता लाने के लिए जेम से अच्छा और कोई माध्यम नहीं हो सकता। सहकारिता मंत्री ने कहा कि उन्हे विश्वास है कि 5 वर्षों में पारदर्शिता से सरकारी खरीद का यह सफल मॉडल पूरी दुनिया देखेगी।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में अब तक जेम की यात्रा चली है उसके भविष्य को लेकर वे बहुत आशान्वित हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर में जोड़ी जाने वाली समितियों में 589 राज्य सरकार की थी और आज तक उनमें से 289 समितियां जुड़ चुकी है, साथ ही 54 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव में से 45 जुड़ चुके हैं ,यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
शाह ने आगे बताया कि आज जेम का जो विस्तार हुआ है वह अकल्पनीय है, जेम पर करीब 62000 सरकारी खरीदार उपलब्ध हैं और लगभग 49 लाख विक्रेता पंजीकृत हैं। साथ ही लगभग 10,000 से ज्यादा उत्पाद और 288 से ज्यादा सर्विसेज सूचीबद्ध हो चुकी हैं। अब तक 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपये का व्यापार भी पूरा हो चुका है जोकि जेम की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के लिए एक पवित्र दिन है, आज ही के दिन भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था, 6 साल पहले आज ही के दिन जेम की शुरुआत हुई और आज जेम पर सहकारिताओं की ऑनबोर्डिंग शुरू हुई है। इसके लिए सहकारिता से जुड़े सभी लोगों,जेम की पूरी टीम और सभी 8 लाख सहकारी समितियों और विशेषकर श्री पीयूष गोयल जी को बहुत बहुत बधाई।