इफको नैनो यूरिया के बारे में किसानों को प्रशिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इस संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में ‘किसान गोष्ठी’ का आयोजन किया जा रहा है और ये सेमिनार किसानों के बीच काफी लोकप्रिय बन रहे हैं।
ऐसे ही एक कार्यक्रम में 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इसका आयोजन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में किया गया, जहां इफको अधिकारियों ने नैनो यूरिया के बारे में जानकारी प्रदान करने के अलावा, प्रतिभागियों के बीच नैनो यूरिया की बोतलें भी बांटी।
बिहार के भागलपुर जिले में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 125 पैक्स, व्यापार मंडल, आईएफएफडीसी और अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर नैनो यूरिया, पानी में घुलनशील उर्वरक और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया गया।
इसी तरह इफको के अधिकारियों ने उत्तराखंड के देहरादून में किसानों को नव विकसित नैनो यूरिया का उपयोग करने के तरीके के बारे में बताया।
इफको अधिकारी न केवल नैनो यूरिया के बारे में जागरूकता पैदा करने में जुटे हैं बल्कि किसानों को पारंपरिक यूरिया का इस्तेमाल कम से कम करने का आग्रह भी कर रहे हैं। उर्वरक सहकारी संस्था इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव खोथनवाली के किसान जगदीश खलिया का विवरण साझा किया, जिन्होंने गोलूवाला बिक्री खरीद सहकारी समिति के बिक्री काउंटर से नैनो यूरिया की 40 बोतलें खरीदीं।
अवस्थी ने देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाले विभिन्न सेमिनारों का विवरण साझा करते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा, “इफको नैनो यूरिया के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, मध्य प्रदेश के गांवों में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इफको नैनो यूरिया, सागरिका और घुलनशील उर्वरकों के उपयोग के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई”, उन्होंने लिखा।
पाठकों को याद होगा कि इफको नैनो यूरिया का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में भी किया था।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने गुजरात में आयोजित एक प्रभावशाली कार्यक्रम में नैनो यूरिया राष्ट्र को समर्पित किया था। इसे भविष्यवादी बताते हुए मोदी ने कहा कि नैनो यूरिया आत्म निर्भर भारत का एक आदर्श उदाहरण है।