सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है, जिसमें सबसे ज्यादा प्लेन्टी कर्नाटक स्टेट को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड पर लगाई है।
आरबीआई ने कर्नाटक स्टेट को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड पर, आरबीआई द्वारा जारी “आवास वित्त” संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 25.00 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
वहीं दि निकोलसन को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर, एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
ठाणे भारत सहकारी बैंक लिमिटेड, ठाणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर, आरबीआई द्वारा जारी ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 15.00 लाख (पंद्रह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने रानी लक्ष्मीबाई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, झांसी, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए, धारा 36 (1) (ए) के उल्लंघन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है चूंकि बैंक, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत आरबीआई द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों का पालन करने में विफल रहा।
दि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (बैंक) पर, आरबीआई द्वारा जारी जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि संबंधी निदेशों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 10000 (केवल दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।