केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने हाल ही में महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक के मुख्यालय का दौरा किया और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान सहकारी नेताओं ने मंत्री के समक्ष कई मुद्दों को रखा और इन्हें जल्द से जल्द हल करने का आग्रह किया। इस मौके पर सारस्वत सहकारी बैंक, एसवीसी सहकारी बैंक, अभ्युदय सहकारी बैंक, डेक्कन मर्केंटाइल सहकारी बैंक, जीएस महानगर सहकारी बैंक समेत अन्य लोग मौजूद थे।
यूसीबी और आरबीआई से जुड़े मुद्दों में, यूसीबी के लिए डिफरेंशियल एनपीए मानदंड, नेट बैंकिंग लेनदेन , सीआरई के तहत आवास ऋण, गोल्ड लोन – बुलेट चुकौती, लंबित धोखाधड़ी के मामलों को समाप्त करना, अमब्रेला संगठन का गठन समेत अन्य शामिल हैं।
वहीं यूसीबी और केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दों में, सरकारी एजेंसी व्यवसाय को संभालने के लिए शहरी सहकारी बैंकों को परमिट, सहकारी बैंकों को अपने सदस्यों को ब्याज के भुगतान पर टीडीएस छूट और सावधि जमा पर भुगतान की गई ब्याज की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना, समेत अन्य शामिल हैं।
अपने संबोधन में, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भगतवजी कराड ने आश्वासन दिया कि शहरी सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों और रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ जल्द ही एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य लंबित मुद्दों को हल करना है।
एमएससी बैंक प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष विद्याधर अनस्कर ने एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी, जिसमें उन्होंने एमएससी बैंक के पिछले पांच वर्षों के वित्तीय आंकड़ों को साझा किया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करने के लिए एक ‘सहकारी सहायता कोष’ बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि शहरी सहकारी बैंकों की समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही व्यापक बैठक की जाएगी।
पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल, मुंबई डीसीसीबी के अध्यक्ष प्रवीण दारेकर समेत अन्य लोग उपस्थित थे।