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नर्मदा पानी मिलने पर शाह ने किसानों को दी बधाई: नए पैक्स पर चर्चा

गुजरात के अहमदाबाद में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब सिंचाई की समस्या से परेशान 164 गाँव के किसानों की 53215 हेक्टेयर भूमि तक नर्मदा का पानी पहुंचाने का काम किया गया है, जिससे लाखों लोग लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि अब नहर के माध्यम से नर्मदा का पानी आएगा और इस 70 हज़ार हेक्टेयर भूमि पर किसान तीन उपज पैदा कर सकेंगे तो ये क्षेत्र समृद्धि से परिपूर्ण हो जाएगा। अनेक सालों से इस क्षेत्र के164 गांव संपूर्ण सिंचाई व्यवस्था से वंचित रहे हैं, लेकिन आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने इसी कड़ी मेंफतेवाड़ी, खारीकट व नलकंठा क्षेत्र के 164 गांवों को नर्मदा कमांड में शामिल कर सिंचाई से जुडी समस्या को समाप्त किया है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ही नर्मदा का पानी गुजरात में यहां तक लाए थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने 1964 से नर्मदा योजना को किसी ना किसा बहाने से रोककर रखा था, लेकिन जब श्री नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने सबसे पहले गुजरात के भागीरथ के रूप में काम करके नर्मदा योजना को अहमदाबाद तक पहुंचाने का कार्य किया।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 8 सालों में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। कृषि बीमा को वैज्ञानिक और लोगों के लिए आकर्षक बनाने के लिए इतना आसान बना दिया कि आम लोग उसे उपयोग कर सकें। हर साल छोटे, बड़े और सीमांत किसानों के बैंक अकाउंटमें 6000 रुपए डायरेक्ट जमा करने की व्यवस्था श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले उर्वरक या खाद की कालाबाजारी होती थी और किसानों को उनका हक़ नहीं मिलता था, लेकिन मोदी जी ने नीम कोटेड यूरिया की शुरुआत करके खाद की कालाबाजारी को समाप्त कर दिया और अब प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी प्राकृतिक खेती की ओर जाने के लिए देश के किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। गृह मंत्री ने नलकांठा के युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपने गांव में प्राकृतिक खेती कर रहे पांच या दस प्रगतिशील किसानों से बात करें और प्राकृतिक खेती के बारे में उनके अनुभव जानें।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से कई सारी नई शुरुआत की हैं। प्राथमिक सेवा सहकारी मंडलों में सिर्फ ऋण देने का काम होता था, लेकिन अब वे एफपीओ के तौर पर भी काम कर पाएंगे। ये मंडल अब गैस की एजेंसी ले पाएंगे, इन्हें पेट्रोलपंप में भी प्राथमिकता दी जाएगी, पानी का वितरणऔर पीसीओ का काम भी कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि जल्द ही हम एक नई मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाने जा रहे हैं जो एक्सपोर्ट हाउस की तरह काम करेगी और किसानों की उपज को निर्यात करेगी और मुनाफा किसान के बैंक अकाउंट में जाएगा। इसके अलावा प्राकृतिक खेती के लिए मार्केटिंग, सर्टिफिकेशन और टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है, मिट्टी और उसकी उपज दोनों की ठीक से टेस्टिंग हो और इसकी ब्रांडिंग अमूल के साथ हो, ऐसी को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाने की दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

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