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मंत्री ने कहा सौहार्द को-ऑप है देश के लिए अनुकरणीय

कर्नाटक स्टेट सौहार्द फेडरल को-ऑपरेटिव लिमिटेड (केएसएसएफसीएल) की 21 वीं वार्षिक आम सभा हाल ही में बैंगलोर के “किंग्स कोर्ट पैलेस ग्राउंड” में संपन्न हुई। इस बैठक में बड़ी संख्या में सहकारी नेताओं ने शिरकत की।

अपने स्वागत भाषण में केएसएसएफसीएल के उपाध्यक्ष ए.आर. प्रसन्ना कुमार ने विशेष रूप से कर्नाटक के सहकारी आंदोलन पर प्रकाश डाला।

बाद में, संस्था के प्रबंध निदेशक शारंगौड़ा जी. पाटिल ने सामान्य निकाय के विषयों को प्रस्तुत किया, जिन्हें सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया, केएसएसएफसीएल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने अपने संबोधन में केएसएसएफसीएल के कामकाज की प्रशंसा करते हुए कर्नाटक के सौहार्द सहकारी आंदोलन का वर्णन एक सफल मॉडल के रूप में किया।

इस मौके पर सहकारिता प्रमुख सचिव, उमाशंकर (आईएएस), राज्य सहकारिता रजिस्टार डॉ कैप्टन राजेंद्र के (आईएएस) भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान कई सहकारी नेताओं और सहकारी समितियों को सहकार रत्न,  श्रेष्ठ सहकारी और सर्वश्रेष्ठ सौहार्द सहकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर आयोजित एक सत्र में सरफेसी अधिनियम के बारे में चर्चा हुई। इसकी अध्यक्षता कर्नाटक राज्य सौहार्द संघीय सहकारी समिति के अध्यक्ष जी नंजनगौड़ा ने की।

इस सत्र में एडवोकेट नारायण बाबू, चार्टर्ड एकाउंटेंट मधुकर हेज और एडवोकेट रंजनी ने सर्फेसी अधिनियम के प्रावधानों पर अपने विचार व्यक्त किये।

कर्नाटक स्टेट सौहार्द फेडरल को-ऑपरेटिव लिमिटेड के निदेशक जी.एन. पाटिल ने  धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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