भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को चार सहकारी बैंकों पर जुर्माना ठोका। इनमें वसई विकास सहकारी बैंक, राजारामबापू सहकारी बैंक, नागपुर नागरिक सहकारी बैंक और लुनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक का नाम शामिल है।
वसई विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, वसई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी निगरानी और रिपोर्टिंग पद्धति’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 20.00 लाख (बीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
आरबीआई ने राजारामबापू सहकारी बैंक लिमिटेड पेठ, सांगली (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की देयता को सीमित करना’ तथा ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 28 लाख रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया है।
वहीं लूनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसागर (गुजरात) (बैंक) पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिसमें उनके हित हैं’ तथा ‘निदेशकों को ऋण और अग्रिम आदि- प्रतिभू / गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 50 हजार रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 18.50 लाख (अठारह लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।