भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केरल स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 19 के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘स्वर्ण ऋण- एकबारगी चुकौती’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 48 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और इन प्रावधानों तथा निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।