भारतीय रिजर्व बैंक ने को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ राजकोट लिमिटेड के अलावा, पिछले सप्ताह तीन और सहकारी बैंकों पर जुर्माना ठोका है। इन बैंकों में राजगुरुनगर सहकारी बैंक, मेघराज नागरिक सहकारी बैंक और गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का नाम शामिल है।
दि राजगुरुनगर सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जमाराशियों पर ब्याज दर संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 4 लाख रुपये मात्र का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, आरबीआई ने मेघराज नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, अरावली (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण एवं अग्रिम-प्रतिभू/गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’, संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 25 हजार रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गांधीधाम, जिला कच्छ (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनके हित निहित हों, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘निदेशकों आदि को ऋण एवं अग्रिम-प्रतिभू/गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’, संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 50,000 (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।