नागालैंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक ने हाल ही में अपनी 53वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया और इस मौके पर राज्य सहकारी रजिस्ट्रार और नाबार्ड के अधिकारियों ने बैंक की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
बैठक में घोषणा की गई कि बैंक ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1600 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। बैंक का कुल व्यापार 1,591 करोड़ रुपये (2020-21) से बढ़कर 2021-22 में 1,669 करोड़ रुपये हो गया।
एजीएम को संबोधित करते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक अजीत कुमार देब ने बताया कि, जमा आधार 973 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,006 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ऋण और अग्रिम 31 मार्च 2022 तक 618 करोड़ रुपये से बढ़कर 662 करोड़ रुपये हो गए।
इसके अलावा, बैंक ने 15.90 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है और लाभ के क्षेत्र में 65.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। पहले यानी 2020-22 में यह 9.62 करोड़ रुपये था। शेयर पूंजी और भंडार एंड अधिशेष क्रमशः 69.09 करोड़ रुपये और 25.08 करोड़ रुपये रहा।
बैंक का ग्रॉस और एनपीए क्रमश: 15.39 फीसदी और 8.25 फीसदी रहा। देब ने प्रतिभागियों को सूचित किया कि 2021-22 वित्त वर्ष में बैंक की कुल संपत्ति 93.59 करोड़ रुपये (2020-21) से बढ़कर 102.36 करोड़ रुपये हो गई।
इस अवसर पर सहकारी समितियों के नागालैंड रजिस्ट्रार (आरसीएस), टेमजेन लोंगकुमेर और नाबार्ड की महाप्रबंधक श्रीमती तियाकला सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में, लोंगकुमेर ने बैंक के प्रदर्शन की सराहना की और किसानों के बीच वित्तीय साक्षरता पैदा करने पर जोर दिया, जबकि श्रीमती तिआकला ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण पर जोर दिया ताकि उनके काम में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
बैठक के दौरान, दीमापुर जिले के नुंगसांग एएर, जुन्हेबोटो जिले के एच काशितो येप्थोमी और किफिर जिले के हेरोली संगतम को नए निदेशक के रूप में चुना गया।
पाठकों को याद होगा कि कई वर्षों से बैंक वित्तीय संकट से जूझ रहा था लेकिन अब बैंक साल दर साल अच्छा मुनाफा कमाने में सक्षम है।
नागालैंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना 4 नवंबर 1966 को हुई थी और पूरे राज्य में इसकी 21 शाखाओं का नेटवर्क है।