लखनऊ (उत्तर प्रदेश) विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष वाल्मीकि त्रिपाठी ने कहा कि सहकारिता के बिना गांवों का विकास संभव नहीं है।
इस मौके पर उन्होंने सहकार भारती लखनऊ के पदाधिकारियों की प्रशंसा की और कहा कि सहकार भारती जमीनी स्तर पर लोगों को सहकारिता से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस कार्यक्रम का आयोजन सहकार भारती के यूपी चैप्टर ने किया था, जिसमें कई सहकारी नेता मौजूद थे। 69वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के मौके पर सहकार भारती ने उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया।
संगोष्ठी में सहकार भारती के यूपी चैप्टर के महासचिव डॉ. प्रवीण सिंह जादौन, प्रदेश उपाध्यक्ष हिरेंद्र कुमार मिश्रा, प्रदेश संगठन सचिव डॉ. अरुण कुमार सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
अपने संबोधन में प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि सबके साथ मिलकर काम करने की भावना ही सहकारिता है। उन्होंने प्रतिभागियों को याद दिलाया कि सहकार भारती सहकारिता क्षेत्र में आरएसएस का एक राष्ट्रव्यापी संगठन है। उन्होंने कहा कि सहकार भारती हर जिले में नई सहकारी समितियों के गठन के लिए काम कर रही है।
प्रदेश संगठन सचिव डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे योजना के माध्यम से गंगा सहकार गांव बनाने की जिम्मेदारी सहकार भारती को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि सहकार भारती के सदस्यों द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती और जैविक खेती पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सहकार भारती उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष हिरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सहकार भारती राज्य में सहकारी समितियों के विकास के लिए काम कर रही है और निष्क्रिय सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने में मदद कर रही है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे सहकार भारती लखनऊ के अध्यक्ष पीयूष कुमार मिश्र ने कहा कि सहकार भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में सहकार भारती लखनऊ की टीम ने उल्लेखनीय कार्य किया था।