जम्मू काश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि इफको नैनो यूरिया (तरल) न केवल प्रदूषण घटाने में मददगार है, बल्कि जमीन की सेहत के संरक्षण में भी सहायक है। उन्होंने यह बात जम्मू में हाल ही में इफको द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जम्मू में अकलपुर और कश्मीर में वाईकेपोरा को इफको नैनो फर्टिजलाइजर आदर्श गांव घोषित किया गया है।
“आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती उर्वरकों को भविष्य के लिए अधिक टिकाऊ बनाना और पर्याप्त पोषण सुनिश्चित करना है। नैनो यूरिया उत्पादकता, गुणवत्ता को बढ़ाता है, हानिकारक गैस सीओ 2 के उत्सर्जन को कम करता है और किसानों की लाभप्रदता बढ़ाता है”, उन्होंने कहा।
राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 1000 से अधिक किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए, सिन्हा ने ट्वीट किया, “मैंने इफको की तरफ से प्रदेश में लिक्विड नैनो यूरिया पर किसान सम्मेलन को संबोधित किया और कृषि उपयोग के लिए किसानों को स्प्रे पंप वितरित किये।”
सिन्हा ने कहा कि तरल नैनो यूरिया जम्मू-कश्मीर के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था को विकास के नए पथ पर ले जाने और सुधारों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए, किसानों और अधिकारियों को मिलकर काम करना चाहिए।
अपने संबोधन में इफको के एमडी डॉ अवस्थी ने ट्वीट किया, “आज, मैंने नैनो यूरिया को बढ़ावा देने और किसानों को स्प्रे पंप के वितरण के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में माननीय उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर का स्वागत और अभिनंदन किया।
गौरतलब है कि इन दिनों इफको नैनो यूरिया को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
पाठकों को याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नैनो यूरिया को किसानों के लिए गेम चेंजर बताते हुए कहा था कि वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद यूरिया की नीम-कोटिंग, बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को खोलना, नैनो उर्वरकों को बढ़ावा देना और सस्ती कीमतों पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे कदमों से देश के किसानों को फायदा हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि इफको नैनो डीएपी भी मार्केट में उतारने जा रही है और उम्मीद है कि इसे अगले साल तक लॉन्च कर सकती है।