केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) तैयार किया है, जिसके समुचित क्रियान्वयन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने वर्चुअल भाग लिया।
बैठक में तोमर ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना व किसानों को उपज के वाजिब दाम दिलाते हुए उनकी आय बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, इसलिए किसी भी कार्यक्रम/योजना के केंद्र में किसानों का हित सर्वोपरि होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि देश में बागवानी के समग्र विकास पर कलस्टर विकास कार्यक्रम के कार्यान्वयन की मदद से ध्यान केंद्रित किया जाएगा व इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसान इस कार्यक्रम से लाभान्वित हों।
तोमर ने कहा कि पहचान किए गए समूहों के भीतर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से जुड़े संस्थानों के पास उपलब्ध भूमि का उपयोग इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को फसल विविधीकरण तथा उपज बिक्री के लिए बाजार से लिंक करने तथा क्षमतावर्धन पर भी जोर दिया।
सीडीपी से लगभग 10 लाख किसानों और मूल्य श्रृंखला के संबंधित हितधारकों को लाभ होगा। सीडीपी का लक्ष्य लक्षित फसलों के निर्यातों में लगभग 20 प्रतिशत का सुधार करना तथा क्लस्टर फसलों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए क्लस्टर-विशिष्ट ब्रांड बनाना है। सीडीपी के माध्यम से बागवानी क्षेत्र में काफी निवेश भी आ सकेगा।
केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा, संयुक्त सचिव प्रिय रंजन, बागवानी आयुक्त प्रभात कुमार सहित कृषि मंत्रालय और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।