केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह ‘सहकारी संघों द्वारा प्रकाशित आवधिक प्रकाशनों की पहुंच, सीमा और गहराई बढ़ाने’ के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया।
यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। इस बैठक में इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी, नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के एमडी प्रकाश नाइकनवरे, एनसीयूआई की डिप्टी सीई सावित्री सिंह, नेफेड के अतिरिक्त एमडी सुनील कुमार सिंह, कृभको मार्केटिंग डायरेक्टर वी.एस.आर. प्रसाद, एनसीडीएफआई के प्रबंध निदेशक किशोर सुपेकर, एनएलसीएफ के प्रभारी प्रबंध निदेशक वी के चौहान, नेफकॉब, एनसीएचएफ, अन्य राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
इस मौके पर सहकारिता विभाग में अमित शाह के ओएसडी डॉ केके त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
भारतीय सहकारिता संवाददाता से बात करते हुए एक प्रतिभागी ने कहा, “इस बैठक में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सहकारी निकायों की पहुंच बढ़ाने के संबंध में चर्चा की गई।”
सहकारिता मंत्रालय ने प्रतिभागियों से संबंधित सहकारी समितियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न भाषाओं में प्रकाशनों, समाचार पत्रों और संचार के अन्य साधनों के माध्यम से प्रचार-प्रसार शुरू करने को कहा।
बैठक के तुरंत बाद, नेफकॉब ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “हमने सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लिया। बैठक का एजेंडा सोशल मीडिया और स्थानीय भाषाओं में प्रकाशनों के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुंचना था।
गौरतलब है कि सहकारिता मंत्रालय की बात को गंभीरता से लेते हुए, राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघ सक्रिय रूप से ट्विटर, फेसबुक आदि सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बना रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ सहकारी समितियां पीछे हैं।
अमित शाह के नेतृत्व वाला सहकारिता मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए नई योजनाओं बना रहा है, लेकिन मीडिया अभियान के बिना लाभार्थियों तक योजनाओं पहुंचना संभव नहीं है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सहकारी क्षेत्र का विकास सूचना के निर्बाध प्रवाह पर निर्भर है।