आदर्श सहकारी ग्राम (एमसीवी) कार्यक्रम को संयुक्त रूप से नाबार्ड और गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव बैंक द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।नाबार्ड द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वयन में इस कार्यक्रम को गुजरात के छह चयनित गांवों, अद्रोडा और रेथल (अहमदाबाद), अदराज मोती और इसानपुर मोता (गांधीनगर), पिपेरो (दाहोद) और कोलीथड (राजकोट) में भी प्रायोगिक तौर पर चलाया जा रहा है।
यह बात केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
इसका शुभारंभ गुजरात में अहमदाबाद जिले के बावला गांव में 10 अप्रैल, 2022 को किया गया था।
उन्होंने बताया, “एमसीवी कार्यक्रम का उद्देश्य ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण करना है। इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार के कम से कम दो सदस्यों को जीवनयापन का अवसर सुनिश्चित करने के लिए एक प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति (पैक्स) केंद्रित, परिवार अभिमुखी दृष्टिकोण अपनाना है, जो प्रत्येक परिवार में प्रति इकाई उत्पादन में वृद्धि को लक्षित करता है।। गुजरात में प्रायोगिक परियोजनाओं के अध्ययन करने के बाद नाबार्ड द्वारा अन्य राज्यों में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर विचार किया जाएगा।”
“सरकार और अन्य हितधारकों के सभी संभावी पात्र योजनाओं व पहल का संपूर्ण रूप से सुगम उपयोग में नाबार्ड विभिन्न हितधारकों जैसे गुजरात सरकार, सहकारी बैंकों (गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव बैंक/जिला केंद्रीय सहकारी बैंक), समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ), आदि के मध्य समन्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है”, उन्होंने कहा।