भारतीय रिज़र्व बैंक ने अहमदाबाद स्थित श्री महिला सेवा सहकारी बैंक पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह जुर्माना आरबीआई द्वारा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा सांविधिक आरक्षित निधि – आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखने‘, ‘निदेशकों आदि को ऋण एवं अग्रिम – प्रतिभू / गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’, ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों / संस्थाओं जिसमें उनके हित हैं को ऋण और अग्रिम’, ‘शहरी सहकारी बैंकों द्वारा लाभांश की घोषणा’ तथा ‘जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014’ पर जारी निदेशों के अननुपालन के लिए लगाया गया है।
यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।