
नए साल में भारतीय रिजर्व बैंक ने चार यूसीबी पर जुर्माना लगाया है। इन बैंकों में सतारा स्थित कर्नल आर.डी. निकम सैनिक सहकारी बैंक, पुणे स्थित शरद सहकारी बैंक, मुंबई स्थित साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक और सोलन स्थित (एचपी) बघाट शहरी सहकारी बैंक का नाम शामिल है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36 (1) (ए) के उल्लंघन, जिसमें बैंक पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों का पालन करने में विफल रहा, के लिए 8.00 लाख (आठ लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
आरबीआई ने शरद सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहकों को जानिए’ और ‘जमाराशि पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 6.00 लाख (छह लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
वहीं, कर्नल आर.डी.निकम सैनिक सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26-ए तथा जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014 के उल्लंघन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि साहेबराव देशमुख को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया।
यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने 2022 में लगभग 180 बैंकों को दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए दंडित किया था।