पुणे स्थित वामनिकॉम ने 15 जनवरी 2023 का दिन अपने 56वें स्थापना दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट- एग्री बिजनेस एंड मैनेजमेंट (पीजीडीएम-एबीएम) 2020-22 बैच के लिए 28वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।
दीक्षांत समारोह में, वर्ष 2022 के 28वें बैच के में 85 उत्तीर्ण छात्रों को प्रबंधन में स्नातकोत्तर पदविका -कृषि व्यवसाय प्रबंधन प्रदान किया गया। ज्ञानेश कुमार, आईएएस-माननीय सचिव-सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 28वें बैच के तीन मेधावी छात्रों को पीजीडीएम-एबीएम डिप्लोमा के साथ पदक से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में कुमार ने कहा कि भारत का सहकारी आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है। भारत में कुल 29 करोड़ सदस्यों वाली 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियाँ हैं।
उन्होंने गुजरात की मिताली बेन की कहानी साझा की ताकि यह जानकारी दी जा सके कि कैसे सहकारिता ग्रामीण लोगों के जीवन में और उनकी आजीविका में बदलाव ला सकता है। सहकारिता को गॉंव से जोडने की जरूरत है।
सभी मेहमानों, अभिभावकों, संकाय और छात्रों का स्वागत करते हुए वामनिकॉम की निदेशक डॉ हेमा यादव ने पीजीडीएम-एबीएम कार्यक्रम के दो साल के दौरान छात्रों द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
यह पीजीडीएम-एबीएम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, और भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ द्वारा एम.बी.ए की डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान की गई है । इस पाठयक्रम को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा भी मान्यता प्राप्त है।
इस अवसर पर बोलते हुए, अरुण रास्ते एमडी और सीईओ, नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज ने भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों और दुनिया भर में उनके प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों की भूमिका पर जोर दिया।
अनूप कुमार, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सहकारिता, महाराष्ट्र ने राष्ट्रीय सहकारी नीति निर्माण में वामनिकॉम की भूमिका की सराहना की। उन्होंने भारत में सहकारी समितियों के विकास और सहकारिता के सिद्धांतों का भी उल्लेख किया।
रमेश दोरईस्वामी एमडी, सीईओ, नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉर्पोरेशन प्रा. लिमिटेड ने विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित किया । अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने छात्रों को एक प्रभावी और अच्छा नेता बनने के तीन गुण साझा किए। उन्होंने साझा किया कि प्रभावी नेताओं को जमीनी हकीकत को समझना और सीखना होगा, मूल्यों का पालन करना होगा और भावनात्मक बुद्धिमत्ता होनी चाहिए।
सुश्री रेगती सुशर्मिला 28वें बैच में ओवरऑल टॉपर थीं और उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया । सुश्री तेंगले संजना ने रजत पदक जीता और सुश्री इप्सिता मिश्रा ने एनसीयूआई द्वारा प्रायोजित कांस्य पुरस्कार प्राप्त किया । सुश्री भानु को वैमनीकॉम का मेधावी छात्र छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पीजीडीएम छात्र निर्देशिका का विमोचन किया गया साथ ही पीजीडीएम के 30वें वर्ष (पर्ल जुबली) समारोह के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया गया ।
इस अवसर पर कृषि बैंकिंग महाविद्यालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव्स, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त, एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशक, किर्लोस्कर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक, वेंकटेश्वर सहकारी संस्था के सीईओ और पीजीडीएम-एबीएम के पूर्व छात्र आमंत्रित थे।
डॉ. डी. रवि, संयुक्त कार्यक्रम निदेशक ने पुरस्कार समारोह का संचालन किया।
वी सुधीर, रजिस्ट्रार, वैम्निकॉम, पुणे ने इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।