झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (मेधा डेयरी) राज्य के विभिन्न जिलों में 33 नए मिल्क बूथ खोलेगी। इसकी घोषणा गोड्डा (झारखंड) के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर वॉल के माध्यम से की।
दुबे ने अपने ट्विटर वॉल के माध्यम से एक मीडिया बाइट साझा करते हुए कहा, “लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाला दूध सस्ती दर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमने मेधा डेयरी को 33 नए मिल्क बूथ खोलने को कहा है।”
“एक मिल्क बूथ स्थापित करने में करीब 9 लाख रुपये का खर्च आता है और 33 बूथों के लिए लगभग 2.97 करोड़ रुपये खर्च आएगा। मिल्क बूथ बनाने के लिए हमने सांसद निधि से 3 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। अगर योजना सही तरीके से लागू होती है तो हम इसका और विस्तार करेंगे”, उन्होंने कहा।
इस बीच भारतीय सहकारिता संवाददाता से बातचीत में मेधा डेयरी के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने कहा, ‘ये नए मिल्क बूथ झारखंड के देवघर, दुमका और गोड्डा जिले में खोले जाएंगे। इससे न केवल संबंधित जिलों के किसानों को मदद मिलेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
“ये बूथ पूरी तरह से मेधा डेयरी द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे। वर्तमान में लगभग 700 अस्थायी बूथ हैं और करीब 35 स्थायी बूथ हैं”, उन्होंने फोन पर कहा।
उन्होंने आगे कहा, नए मिल्क बूथ खोलने की प्रक्रिया छह महीने के भीतर पूरी हो जाएगी। हम प्रति दिन 1.80 लाख लीटर दूध खरीद रहे हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक हम 2 लाख लीटर दूध प्रतिदिन तक पहुंच जाएंगे।
बताया जा रहा है कि हिंदू पर्व मकर संक्रांति के मौके पर मेधा डेयरी ने 80 टन दही की बिक्री की। डेयरी से 42 हजार किसान जुड़े हैं और निकट भविष्य में मेधा डेयरी रांची में 130 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पाउडर प्लांट और प्रोडक्ट फैक्ट्री खोलने की योजना बना रहा है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह निशिकांत दुबे ने इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यूएस अवस्थी से मुलाकात की थी, जो नैनो यूरिया संयंत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए देवघर आए थे। सूत्रों ने कहा कि इफको ने दुबे के आग्रह पर देवघर में नैनो संयंत्र बनाने का फैसला किया।