केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने करनाल में हरियाणा सहकारिता विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
शाह ने कहा कि आज हरियाणा ने कोऑपरेटिव क्षेत्र के लिए भी कई पहलें की हैं और सहकारिता के लिए उठाए गए ये कदम गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए संजीवनी साबित होंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता को फिर से प्रासंगिक और ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ की हड्डी बनाने के लिए जागरूकता लाना बेहद ज़रूरी है और इसके लिए आज यहां इंटरनेट रेडियो ‘सहकारिता वाणी’ भी शुरू किया गया है।
‘सहकारिता वाणी’ के माध्यम से किसानों तथा सहकारी संस्थाओं को समय-समय पर खेती, पशुप्रजनन तथा दुग्ध से सम्बधित गुणवत्ता में सुधार इत्यादि की प्रमुख वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के अलग अलग काम के लिए भारत सरकार के तत्वाधान में चल रहे एनसीडीसी ने आज हरियाणा को 10 हज़ार करोड़ रूपए की राशि जारी की है जो कम ब्याज पर किसानों की सहकारी समिति को दी जाएगी।
अपने संबोधन में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक निर्णय लिया कि भारत सरकार एक कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट हाऊस बनाएगी जो सभी कृषि और हस्तकला उत्पादों को विश्व के बाज़ारों में भेजेगा।
शाह ने कहा कि उन्होंने उस समय अपील की थी कि राज्यों को भी अपने ऐसे एक्सपोर्ट हाऊस बनाने चाहिएं और उन एक्सपोर्ट हाऊस को भारत सरकार के एक्सपोर्ट हाऊस का सदस्य बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इतनी जल्दी इस काम को शुरू करके एक बहुत अच्छी शुरूआत की है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने हरियाणा डेयरी विकास संघ के तत्वाधान में एक सांझी पशुशाला स्थापित की है और पशु चारा, पशु चिकित्सा और वैक्सीनेशन आदि अनेक उपक्रम इसके साथ जुड़े हैं। इससे गरीब व्यक्ति पशुपालन के साथ तो जुड़ेगा ही, साथ ही पूरे गांव में स्वच्छता का वातावरण भी बनेगा और गोबर गैस भी बनाई जा सकेगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक को एनपीए मुक्त बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक बहुत बड़ी योजना का लक्ष्य देश की सहकारिता के लिए रखा है जिसमें 2025 से पहले देश की हर पंचायत में पैक्स की स्थापना की जाएगी और 2 लाख नए पैक्स बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज़ादी से अब तक 65 हज़ार पैक्स बने हैं, और हमने अगले 3 साल में 2 लाख पैक्स बनाने का लक्ष्य रखा है, इससे पता चलता है कि कोऑपरेटिव का स्केल कितना बड़ा बनने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार नई कोऑपरेटिव नीति भी लाई है, और, इसके अलावा भारत सरकार ने 3 कोऑपरेटिव सोसायटीज़ की स्थापना भी की है।