केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुजरात में नैनो उर्वरकों को लोकप्रिय बनाने के लिए इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी के साथ मंच साझा किया।
इफको ने गुजरात के भावनगर जिले के पलिताना में एक सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन के दौरान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के फायदों के बारे में बताया।
सोशल मीडिया के माध्यम से खबर साझा करते हुए मंडाविया ने लिखा, “आज पालीताना में इफको द्वारा नैनो यूरिया व नैनो डीएपी पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में किसानों के साथ संवाद किया। किसानों के साथ नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के फायदो के साथ इनसे होने वाली कम लागत एवं मिट्टी व पर्यावरण की रक्षा पर बातचीत की।”
किसानों को संबोधित करते हुए इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा, “नई तकनीक इफको नैनो यूरिया और डीएपी निश्चित रूप से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने और फसल उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगी।”
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यूएस अवस्थी ने कहा, “नैनो यूरिया और डीएपी को इफको की गुजरात स्थित कलोल इकाई में विकसित किया गया है। यह तकनीक हमारे देश की एक लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करेगी।”
“हमने किसानों से अपनी फसलों पर बेहतर और उत्साहजनक परिणाम पाने के लिए नैनो उर्वरकों का उपयोग करने का आग्रह किया। यह पर्यावरण के अनुकूल है जो किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करेगा”, उन्होंने कहा।
सम्मेलन के दौरान इफको ने पलिताना तालुका कोऑपरेटिव बायिंग एंड सेलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नागजीभाई वघानी का भी अभिनंदन किया।
इफको के नैनो डीएपी को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया है और उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में अधिसूचित किया गया है। इफको नैनो डीएपी के उत्पादन के लिए संयंत्र पारादीप, कलोल और कांडला में स्थापित किया जा रहा है और इस साल जुलाई से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में इफको नैनो डीएपी की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश के किसानों के लिए गेम चेंजर बताया।
पीएम ने लिखा, “हमारे किसान भाइयों और बहनों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।”