अमूल ब्रांड के नाम से दूध और डेयरी उत्पाद बेचने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 18.5 फीसदी अधिक है।
जीसीएमएमएफ के कारोबार में 50 फीसदी के योगदान के साथ फ्रेश उत्पादों में 21 प्रतिशत व आइसक्रीम रेंज में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उपभोक्ता उत्पादों ने 23 प्रतिशत और पनीर, मक्खन, यूएचटी दूध, दूध पेय पदार्थ, पनीर, क्रीम, छाछ और दही की बिक्री में 20 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अमूल समूह के सदस्य संघों का अनंतिम अनडुप्लिकेट समूह कारोबार 72,000 करोड़ को पार कर गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में आबादी के मामले में शीर्ष 400 शहरों में वितरण को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ, 82 शाखाओं और गोदामों के बुनियादी ढांचे के अपने नेटवर्क को 100 से अधिक तक बढ़ाने और इन शहरों में वितरक व रिटेल नेटवर्क को बढ़ाने की योजना है।
जीसीएमएमएफ से जुड़े 18 सदस्य संघों के पास गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख से अधिक पशुपालक सदस्य हैं। प्रतिदिन औसतन 270 लाख लीटर दूध की खरीदी की जा रही है। भारत के प्रमुख महानगरों में दूध और दुग्ध उत्पाद की मांग को पूरा करने के लिए जीसीएमएमएफ के सदस्य संघों ने 98 डेयरी संयंत्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है।
अंतरराष्ट्रीय फार्म तुलना नेटवर्क के अनुसार दूध प्रसंस्करण के मामले में जीसीएमएमएफ दुनिया की शीर्ष 20 डेयरी कंपनियों में 8वें स्थान पर है। ब्रांड फाइनेंस 2022 रिपोर्ट, यूके के अनुसार अमूल सबसे मजबूत डेयरी ब्रांड भी है। यह पूरे भारत में उत्पादों के सालाना 2,000 करोड़ पैक वितरित करता है।
जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने कहा कि अमूल उत्पादों के लिए बाजार की मांग में अनुमानित वृद्धि और भविष्य के विपणन प्रयासों के आधार पर जीसीएमएमएफ की 2025 तक 1,00,000 करोड़ रुपए की बिक्री कारोबार की योजना है।