भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने श्री अन्न महोत्सव श्रृंखला के एक अंग के रूप में राजस्थान के जोधपुर में आईसीएआर-केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान में 20-21 अप्रैल 2023 को 2-दिवसीय मिलेट मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया। राजस्थान भारत में मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है और यह देश के उत्पादन में 16 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और राजस्थान के जोधपुर से संसद सदस्य गजेंद्र सिंह शेखावत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल एवं कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मिलेट आधारित खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं के साथ वार्तालाप किया और कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में रखे गए उनके उत्पादों से तैयार व्यंजनों का आनंद भी लिया। समापन समारोह के दौरान, प्रदर्शनकर्ताओं को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, गजेंद्र सिंह शेखावत ने रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक खाद्य उत्पादों के शुभारंभ के साथ दुनिया भर में बदलते खाद्य उपभोग पैटर्न और आदतों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य ने एक अवसर का सृजन किया है और मिलेट को इस गतिशील वातावरण में शामिल किया जा सकता है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, उन्होंने किसानों की अगली पीढ़ी को प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन के प्रति संवेदनशील बनाने तथा प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोटे अनाज की गुणवत्ता को पुनर्स्थापित करने के लिए देश ने एक लंबा मार्ग तय किया है।
अपने संबोधन के दौरान, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘श्री अन्न’ को वैश्विक स्तर पर ले जाने के प्रयासों का उल्लेख किया। मोटे अनाज के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि भारत मोटे अनाज का अग्रणी उत्पादक है और देश के किसानों को अपनी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सभी हितधारकों को मोटे अनाज पर विशेष ध्यान देने के साथ एक समान मंच पर लाना और विभिन्न मोटे अनाज-आधारित उत्पादों, लाइव किचन, मोटे अनाज की व्यंजन विधि की प्रदर्शनी तथा बिक्री, सफलता की कहानियों को साझा करना, मोटे अनाज के प्रसंस्करण पर सूचनात्मक सत्र, उद्योग के विशेषज्ञों एवं सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एसएचजी, खाद्य प्रसंस्करण में शामिल एफपीओ के बीच परस्पर संवादात्मक सत्र और इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करना था।
यह कार्यक्रम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, उत्पादक सहकारी समितियों आदि सहित 1000 से अधिक प्रतिभागियों की उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया का साक्षी बना।
इस कार्यक्रम में ज्वार और बाजरा जैसे विभिन्न मोटे अनाज आधारित खाद्य उत्पादों, बेकरी उत्पाद जैसे सोरघम कुकीज, फॉक्सटेल मिलेट केक, मफिन्स; रेडी-टू-ईट उत्पाद जैसे मिलेट लड्डू, जल्दी मिश्रित होने वाले व्यंजन जैसे सोरघम इडली मिक्स, मल्टी रवा केसरी; प्रसंस्करण मशीनरी के साथ-साथ विभिन्न सूक्ष्म उद्यमियों द्वारा मिलेट के आटे, मिलेट सेंवई, पर्ल मिलेट पास्ता और अन्य उत्पादों जैसे मिलेट खिचड़ी जैसे रेडी-टू-कुक उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। यह उत्पाद बिक्री के लिए भी उपलब्ध थे। इस कार्यक्रम में लघु-उद्यमियों को न केवल तकनीकी सत्रों में भागीदारी अपितु उनकी मजबूत बाजार पहुंच के लिए राजस्व और साझेदारी के भी व्यापक अवसर प्रदान किये गए।