वित्तीय घाटे से उभरते हुए, महाराष्ट्र स्थित सोलापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने 2022-23 फाइनेंशियल ईयर में 34.75 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
उक्त वित्तीय वर्ष में बैंक ने सभी वित्तीय मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और 31 मार्च 2023 तक बैंक ने 7800 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया।
गौरतलब है कि 2021-22 वित्त वर्ष में बैंक को 152 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
बैंक की वित्तीय रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंक के सीईओ विलास देसाई ने कहा, “हमारा बैंक वित्तीय घाटे से उभर गया है और इसका श्रेय सोलापुर डीसीसीबी से जुड़े विभिन्न हितधारकों को जाता है। इस प्रक्रिया में पूर्व प्रशासक शैलेश जे कोटमायर और वर्तमान प्रशासक कुंदन भोले ने भी सक्रिय भूमिका निभाई है।”
“इस बीच, चालू वित्त वर्ष में, हम बकाया राशि वसूलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत में शुद्ध एनपीए मौजूदा 11.5 प्रतिशत से घटकर 7 प्रतिशत के नीचे आ जाएगा। देसाई ने जोर देकर कहा, हम बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
देसाई ने आगे कहा, पिछले कई वर्षों से शेयरधारकों को लाभांश नहीं मिल रहा है, लेकिन एक या दो साल की अवधि में बैंक लाभांश वितरित करने की स्थिति में होगा। हम बैंक की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए कई सुधार कर रहे हैं।
31 मार्च 2023 तक, सोलापुर डीसीसीबी का जमा आधार 4,223 करोड़ रुपये और ऋण 3,656 करोड़ रुपये रहा। बैंक ने 187 करोड़ रुपये का सकल लाभ कमाया।
पाठकों को याद होगा कि वित्तीय अनियमितताओं के मद्देनजर, आरबीआई के आदेश पर, महाराष्ट्र सरकार ने सोलापुर डीसीसीबी के निदेशक मंडल को भंग कर दिया और 2018 में बैंक में प्रशासक नियुक्त किये थे। उस समय बैंक पर एनसीपी नेताओं का नियंत्रण था।
सोलापुर डीसीसीबी की जिले के विभिन्न हिस्सों में 208 शाखाएं हैं। हाल ही में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बैंक के मुख्यालय का दौरा किया था।