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मूल्यों पर आधारित सहकारिता नहीं होती विफल: सहकार भारती अध्यक्ष

सहकार भारती के अध्यक्ष डीएन ठाकुर ने कहा है कि देश का भविष्य सहकारी संस्थाओं के हाथों में सुरक्षित है, क्योंकि इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। उन्होंने यह बात सहकार भारती पंजाब की रूपनगर इकाई द्वारा नूरपुर बेदी में आयोजित सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि गांवों में रहने वाले लोगों और किसानों में देश की तस्वीर बदलने की ताकत है। ठाकुर ने कहा कि मूल्यों पर आधारित सहकारिता कभी असफल नहीं हो सकती। सहकारिता की विफलता का कारण सहकारी से हटकर सरकारी बनना है और हमें इस गलती को सुधारना होगा। हमें सहकारता के प्रति अपने कर्तव्य को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र और जल देश का भविष्य हैं।

ठाकुर ने आगे कहा कि ग्रामीणों और किसानों की समस्याओं का समाधान कहीं और नहीं, बल्कि सहकारिता के माध्यम से हो सकता है। उन्होंने कहा कि आत्म-विश्वास और स्वाभिमान से ही हम अपने देश और दुनिया को बदल सकते हैं।

पंजाब के मौजूदा हालात के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें देश, समाज, कृषि और अपने राज्य के युवाओं को खुद ही बचाना है और अगर हम मिलकर सोचेंगे तो रास्ते अवश्य निकालेंगे।

अपने संबोधन में पंजाब सहकार भारती के अध्यक्ष बलराम दास बावा ने कहा कि सहकारिता को मजबूत करने से ही गांवों की अर्थव्यवस्था और देश को मजबूत बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर वेरका मिल्क प्लांट मोहाली के डायरेक्टर सुरजीत सिंह काहलों, केवीके रूपनगर के डायरेक्टर सतबीर सिंह, केवीके के अंकुरदीप और संदीप आहूजा, वेरका मिल्क प्लांट मोहाली के डिप्टी मैनेजर नरिंदर सिंह, पैक्स सेल के अध्यक्ष पवन कुमार सिंगला, डेयरी विकास बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर सुरिंदरपाल सिंह काहलों, वेरका मिल्क प्लांट मोहाली के पूर्व चेयरमैन परमिंदर सिंह चलाकी व जत्थेदार मोहन सिंह डूमेवाल आदि ने भी संबोधित किया।

सतबिंदर सिंह ने मंच का संचालन किया।

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