भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में तीन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों पर 1.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इन बैंकों में एपी महेश कोऑपरेटिव अर्बन बैंक, डोंबिवली नगरी सहकारी बैंक, शहरी सहकारी बैंक, राउरकेला का नाम शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डोंबिवली नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, डोंबिवली (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा’ और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए वृहत् साइबर सुरक्षा ढांचा – एक क्रमिक दृष्टिकोण’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50.00 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
इसके अवावा, आरबीआई ने आंध्र प्रदेश महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा’, ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए वृहत् साइबर सुरक्षा ढांचा – एक क्रमिक दृष्टिकोण’ और ‘सहकारी बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 65.00 लाख (पैंसठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) और जमा खातों के रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।