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श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और हरिहरेश्वर सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द

आरबीआई ने मंगलवार को कर्नाटक स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र स्थित हरिहरेश्वर सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।

हरिहरेश्वर सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.96% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 8 मार्च 2023 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त सहमति के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 की धारा 18ए के प्रावधानों के अंतर्गत कुल बीमाकृत जमाराशि के 57.24 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।

जबकि, श्री शारदा महिला सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 97.82% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 12 जून 2023 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त सहमति के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 की धारा 18ए के प्रावधानों के अंतर्गत कुल बीमाकृत जमाराशि के 15.06 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।

आरबीआई द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, “भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दिनांक 11 जुलाई 2023 के आदेश द्वारा “हरिहरेश्वर सहकारी बैंक लिमिटेड, वाई, सतारा” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 11 जुलाई 2023 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।”

इसी तरह, आरबीआई ने श्री शारदा महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, तुमकुर, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द कर दिया है और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक से भी अनुरोध किया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्न कारणों से बैंक का लाइसेंस रद्द किया। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।

बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धाराओं 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा है। बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है। इसके अलावा, बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा।

यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।

पाठकों को याद होगा कि लाइसेंस रद्द करने से पहले, आरबीआई ने 7 जुलाई 2023 को श्री शारदा महिला सहकारी बैंक पर जारी दिशा-निर्देश को 09 जुलाई 2023 से 08 अक्टूबर 2023 तक तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ाया था।

इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने मलकापुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और शुश्रुति सौहार्द सहकारा बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

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